🔱 जानिए चौसठ योगिनी के सभी नाम व योगिनी की साधना के फायदा तथा सुर सुंदरी योगिनी की साधना एवं अष्ट योगिनी की साधना साथ ही चौसठ योगिनी की नामावली एवं सुर सुंदरी योगिनी की साधना शाबर मंत्र और भी बहुत कुछ इस पोस्ट में। पूरा पोस्ट ध्यान से पढ़ें। आपकी हर समस्या का लगभग समाधान इस पोस्ट में मिल जाएगा। Call Us 7217216969
जाने चौसठ योगिनियों के बारे में – Know About Sixty Four Yoginis
चौसठ योगिनी का उल्लेख पुराणों में मिलता है जिनकी अलग-अलग कहानियां है। इनको आदिशक्ति मां काली का अवतार बताया है।
कहा जाता है घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए माता ने ये अवतार लिए थे। यह भी माना जाता है कि ये सभी माता पर्वती की सखियां हैं।
ब्रह्म वैवर्त पुराण में भी इन योगिनियों का वर्णन है लेकिन इस पुराण के अनुसार ये ६४ योगिनी कृष्ण की नासिका के छेद से ये प्रगट हुई है। इनकी संख्या 64 होने के पीछे भी कुछ तथ्य है। स्त्री के बिना पुरूष अधूरा है, वही पुरुष के बिना स्त्री अधूरी है। एक संपूर्ण पुरुष 32 कलाओं से युक्त होता है वही एक संपूर्ण स्त्री भी 32 कलाओं से युक्त होती है। दोनों के मिलन से बनते है 32+32=64 तो ये माना जा सकता है कि 64 योगिनी शिव और शक्ति जो सम्पूर्ण कलाओं से युक्त है उनके मिलन से प्रगट हुई है।
चौसठ योगिनियों की पूजा करने से सभी देवियों की पूजा हो जाती है। इन चौंसठ देवियों में से दस महाविद्याएं और सिद्ध विद्याओं की भी गणना की जाती है। ये सभी आद्या शक्ति काली के ही भिन्न-भिन्न अवतार रूप है। कुछ लोग कहते हैं कि समस्त योगिनियों का संबंध मुख्यतः काली कुल से है और ये सभी तंत्र तथा योग विद्या से घनिष्ठ सम्बन्ध रखती है।
हर दिशा में 8 योगिनी फैली हुई है। हर योगिनी के लिए एक सहायक योगिनी है। इस हिसाब से हर दिशा में 16 योगिनी हुई तो 4 दिशाओं में 16×4=64 योगिनी हुई। यह ६४ योगिनी ६४ तन्त्र की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है। एक देवी की भी कृपा हो जाये तो उससे संबंधित तन्त्र की सिद्धी मानी जाती है।
नवरात्र के समय इन योगिनियों की पूजा बहुत ही फलदायी होती है। तंत्र तथा योग से जुड़े होने के कारण आप इनकी पूजा किसी जानकार से पूरी जानकारी लेकर ही करनी चाहिए।
समस्त योगिनियां अलौकिक शक्तिओं से सम्पन्न हैं तथा इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कर्म इन्हीं की कृपा द्वारा ही सफल हो पाते हैं। प्रमुख रूप से आठ योगिनियां हैं जिनके नाम इस प्रकार है–
1. सुर-सुंदरी योगिनी :
ये अत्यंत सुंदर शरीर सौष्ठव अत्यंत दर्शनीय होती है। इनकी साधना एक मास तक साधना की जाती है। प्रसन्न होने पर ही सुर सुंदरी योगिनी सामने आती है तथा आप इनको माता, बहन या पत्नी कहकर संबोधन कर सकते है। इनकी सिद्धि से राज्य, स्वर्ण, दिव्यालंकार तथा दिव्य कन्याएं तक की प्राप्ति होती है।
2. मनोहरा योगिनी :
इस योगिनी की वेशभूषा विचित्र होती है। ये अत्यंत सुंदर होती है तथा इसके शरीर से सुगंध निकलती है। एक मास भर की साधना करने पर ये प्रसन्न हो जाती है। इनकी सिद्धि से साधक को प्रतिदिन स्वर्ण मुद्राएं प्राप्त होती है।
3. कनकवती योगिनी :
ये योगिनी रक्त वस्त्रालंकार से भूषित रहती है तथा सिद्धि के पश्चात अपनी परिचारिकाओं के साथ आकर वांछित कामना पूर्ण करती है।
4. कामेश्वरी योगिनी – देवी का मंत्र :
ॐ ह्रीं आगच्छ कामेश्वरी स्वाहा। इस योगिनी का जप भी रात्रि में मास भर किया जाता है। पुष्पों से सज्जित देवी प्रसन्न होकर ऐश्वर्य, भोग की वस्तुएं प्रदान करती है।
5. रति सुंदरी योगिनी :
स्वर्णाभूषण से सज्जित देवी महीनेभर की साधना के पश्चात प्रसन्न होकर अभीष्ट वर प्रदान करती है तथा सभी ऐश्वर्य, धन व वस्त्रालंकार देती है।
6. पद्मिनी योगिनी :
इस योगिनी का वर्ण श्याम है। ये देवी वस्त्रालंकार से युक्त, मास भर साधना के बाद प्रसन्न होकर ऐश्वर्यादि प्रदान करती है।
7. नटिनी योगिनी :
अशोक वृक्ष के नीचे रात्रि में साधना कर के इस योगिनी को सिद्ध किया जा सकता है। इनकी प्रसन्नता प्राप्ति कर अपने सारे मनोरथ पूर्ण किए जा सकते है।
8. मधुमती योगिनी :
शुभ्र वर्ण वाली ये योगिनी अति सुंदर, विविध प्रकार के अलंकारों से भूषित होती है। साधना के पश्चात सामने आकर किसी भी लोक की वस्तु प्रदान करती है। इनकी कृपा से पूर्ण आयु तथा अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। राज्याधिकार प्राप्त होता है।
चौसठ योगिनी के नाम / Chausath Yogini Ke Naam :
चौसठ योगिनी के नाम के नाम इस प्रकार है–
• बहुरूप योगिनी
• तारा योगिनी
• नर्मदा योगिनी
• यमुना योगिनी
• शांति योगिनी
• वारुणी योगिनी
• क्षेमकरी योगिनी
• ऐन्द्री योगिनी
• वाराही योगिनी
• रणवीरा योगिनी
• वानर मुखी योगिनी
• वैष्णवी योगिनी
• कालरात्रि योगिनी
• वैद्यरूपा योगिनी
• चर्चिका योगिनी
• बेतली योगिनी
• छिन्नमस्तिका योगिनी
• वृषवाहन योगिनी
• ज्वाला कामिनी योगिनी
• घटवार योगिनी
• कराकाली योगिनी
• सरस्वती योगिनी
• बिरूपा योगिनी
• कौवेरी योगिनी
• भलुका योगिनी
• नारसिंही योगिनी
• बिरजा योगिनी
• विकताना योगिनी
• महालक्ष्मी योगिनी
• कौमारी योगिनी
• महामाया योगिनी
• रति योगिनी
• करकरी योगिनी
• सर्पश्या योगिनी
• यक्षिणी योगिनी
• विनायकी योगिनी
• विंध्यवासिनी योगिनी
• वीर कुमारी योगिनी
• माहेश्वरी योगिनी
• अम्बिका योगिनी
• कामिनी योगिनी
• घटाबरी योगिनी
• स्तुती योगिनी
• काली योगिनी
• उमा योगिनी
• नारायणी योगिनी
• समुद्र योगिनी
• ब्रह्मिनी योगिनी
• ज्वाला मुखी योगिनी
• आग्नेयी योगिनी
• अदिति योगिनी
• चन्द्रकान्ति योगिनी
• वायुवेगा योगिनी
• चामुण्डा योगिनी
• मूरति योगिनी
• गंगा योगिनी
• धूमावती योगिनी
• गांधार योगिनी
• सर्व मंगला योगिनी
• अजिता योगिनी
• सूर्यपुत्री योगिनी
• वायु वीणा योगिनी
• अघोर योगिनी
• भद्रकाली योगिनी
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
चौसठ योगिनी कवच / चौसठ योगिनी ताबीज / चौसठ योगिनी यंत्र जिसे वशीकरण ताबीज भी कहा जाता जाता है–
वशीकरण ताबीज बनाने की विधि : जब हम निरंतर प्रयास करके थक जाते हैं और अपने जीवन की खुशियों को पाने के लिए दर-दर भटकते रहते हैं। तब हम खींझ जाते हैं अपने आप से शिकायतें करने लगते हैं कि हमारे भाग्य में कभी कुछ अच्छा लिखा ही नहीं है। सिर्फ कष्ट कष्ट और केवल कष्ट लिखा है। हमारे जीवन में ऐसा ही हम सोचने लगते हैं।
चौसठ योगिनी कवच / चौसठ योगिनी ताबीज / चौसठ योगिनी यंत्र
मगर सिर्फ अपने भाग्य को दोष देने से नहीं होगा। अगर आप अपने भाग्य में दोष ढूंढने लगेंगे तो आप जीवन को कैसे जिएंगे। यह जीवन आपका है इसको बेहतर बनाने की जिम्मेदारी आपकी है। यदि आपके द्वारा किए गए प्रयासों में बार-बार त्रुटियां आ रही है बाधा आ रहा है तो आपको उसका निवारण भी करना होगा और निवारण के लिए बहुत सारे उपाय हैं उन्हीं में से एक है वशीकरण।
चौसठ योगिनी कवच / चौसठ योगिनी ताबीज / चौसठ योगिनी यंत्र बनाने की जानकारी कैसे बनाएं कैसे बनाया जाता है–
वशीकरण के बहुत सारे उपाय होते हैं जैसे– टोटका, कुछ मंत्र पढ़कर आप आसानी से वशीकरण कर सकते हैं। अपने भाग्य को आपके मार्ग में आने वाले उन लोगों के ऊपर आप वशीकरण कर सकते हैं जो आपके जीवन में बाधक बनते हैं। ऐसा सिर्फ वशीकरण से ही संभव है।
आज हम जिस वशीकरण के विषय में आपको बताने जा रहे हैं वह है वशीकरण ताबीज जिसको आप अपने शरीर में पहन कर या धारण कर या अपने पास रख कर अपनी सभी समस्याओं पर काबू पा सकते हैं एवं अपने भाग्य को निर्धारित कर सकते हैं यानी उस पर वशीकरण पा सकते हैं।
चौसठ योगिनी कवच / चौसठ योगिनी ताबीज / चौसठ योगिनी यंत्र बनाने की जानकारी कैसे बनाएं कैसे बनाया जाता है–
यदि आप वशीकरण ताबीज को धारण करते हैं तो आप अपनी जिंदगी में जिन-जिन बातों से निराश हैं। वह सभी निराशाएं खत्म हो जाएगी जैसे कि आप निरंतर प्रयास कर रहे थे अपने जीवन में प्रसिद्धि पाने के लिए मगर प्रसिद्धि प्राप्त नहीं कर पा रहे थे। बहुत सारी बाधाएं मार्ग में आ रही थी।
वशीकरण ताबीज के धारण करने के बाद आपकी सारी बाधाएं दूर हो जाएगी और आप जो भी प्रयास कर रहे थे उन सभी प्रयासों को वापस करने पर आपको सफलता अवश्य मिलेगी वशीकरण ताबीज धारण करने के बाद।
अगर आप प्रमोशन पाने के लिए बहुत सालों से मेहनत कर रहे थे मगर फिर भी आपको प्रमोशन नहीं मिल रहा था। आपके बॉस के कारण या फिर अन्य किसी कारणों की वजह से। तो वशीकरण ताबीज जरूर धारण कर लिजिए क्योंकि वशीकरण ताबीज में बहुत शक्ति होती है जो किसी और दवाई या दारू में नहीं होती है।
चौसठ योगिनी कवच / चौसठ योगिनी ताबीज / चौसठ योगिनी यंत्र बनाने की जानकारी कैसे बनाएं कैसे बनाया जाता है–
यदि आपका बच्चा निरंतर बीमार रहता है या हमेशा गिर जाता है उसे चोट लग जाती अनावश्यक रक्तपात हो जाता है उसके शरीर से। तो आप अपने बच्चे को भी वशीकरण का ताबीज पहना सकते हैं कहा जाता है कि ताबीज पहनाने से बच्चों को बुरी नजर नहीं लगती है। वह काफी रोग व्याधियों से बच जाते हैं अगर उनके पास ताबीज हो तो।
इसके अलावा यदि आपके विवाह संबंध में आपसी मेल मोटाव हो रहा है। आपका पति या फिर आपकी पत्नी आपसे हर रोज लड़ाई झगड़ा कर रही है ऐसे में या तो आप खुद एक ताबीज धारण कर ले या फिर अपने साथी को ही ताबीज बनवाकर दे जिससे कि आपके वैवाहिक संबंध में कोई झगड़ा ना हो कोई परेशानी ना हो और आप दोनों ही सुखी तरीके से अपने जीवन को यापन कर सके।
चौसठ योगिनी कवच / चौसठ योगिनी ताबीज / चौसठ योगिनी यंत्र बनाने की जानकारी कैसे बनाएं कैसे बनाया जाता है–
जिंदगी में बहुत लोग बचपन से सपने देखते आए हैं सरकारी नौकरी पाने का मगर काफी हद तक प्रयास करने के बाद भी वह सरकारी नौकरी नहीं पाते हैं और निराश होकर एक कोने में फूट-फूटकर रोने लगते हैं मगर हम आपको बता दें अब आपके रोने के दिन चले गए हैं क्योंकि वशीकरण ताबीज उपलब्ध है। ताबीज को धारण करके आराम से सरकारी नौकरी के लिए पढ़ाई करके परीक्षा देकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए अब अपने आंसू पोछिएं और वशीकरण ताबीज को धारण कीजिए।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह वशीकरण का ताबीज कहां मिलेगा आप कहां से इस वशीकरण ताबीज को खरीदेंगे तो हम आपको बता दें वशीकरण ताबीज आपको हमारे यहां से मिल सकता है या फिर आप खुद अपने हाथों से भी बना सकते हैं। उसके लिए आपको कुछ मंत्र को लिखना पड़ेगा और वह मंत्र हम आपको अब बताने जा रहे हैं जिससे आप स्वयं अपने हाथों से ताबीज बनाकर भी धारण कर सकते हैं।
चौसठ योगिनी कवच / चौसठ योगिनी ताबीज / चौसठ योगिनी यंत्र बनाने की जानकारी कैसे बनाएं कैसे बनाया जाता है–
Chausath Yogini Mantra / चौसठ योगिनी के मंत्र :
चौसठ योगिनी के मंत्र इस प्रकार है–
1. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा।
2. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा।
3. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा।
4.ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा।
5. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विरोधिनी विलासिनी स्वाहा।
6. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा।
7. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा।
8. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा।
9. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा।
10. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा।
11. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री घना महा जगदम्बा स्वाहा।
12. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बलाका काम सेविता स्वाहा।
13. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा।
14. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा।
15. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा।
16. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा।
17. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा।
18. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भगमालिनी तारिणी स्वाहा।
19. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।
20. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा।
21. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा।
22. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा।
23. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा।
24. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा।
25. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा।
26. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा।
27. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा।
28. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विजया देवी वसुदा स्वाहा।
29. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा।
30. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ज्वालामालिनी नागिनी स्वाहा।
31. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री चित्रा देवी रक्तपुजा स्वाहा।
32. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ललिता कन्या शुक्रदा स्वाहा।
33. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री डाकिनी मदसालिनी स्वाहा।
34. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री राकिनी पापराशिनी स्वाहा।
35. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री लाकिनी सर्वतन्त्रेसी स्वाहा।
36. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काकिनी नागनार्तिकी स्वाहा।
37. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शाकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा।
38. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री हाकिनी मनोहारिणी स्वाहा।
39. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री तारा योग रक्ता पूर्णा स्वाहा।
40. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री षोडशी लतिका देवी स्वाहा।
41. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भुवनेश्वरी मंत्रिणी स्वाहा।
42. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री छिन्नमस्ता योनिवेगा स्वाहा।
43. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरवी सत्य सुकरिणी स्वाहा।
44. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री धूमावती कुण्डलिनी स्वाहा।
45. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बगलामुखी गुरु मूर्ति स्वाहा।
46. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातंगी कांटा युवती स्वाहा।
47. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कमला शुक्ल संस्थिता स्वाहा।
48. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री प्रकृति ब्रह्मेन्द्री देवी स्वाहा।
49. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री गायत्री नित्यचित्रिणी स्वाहा।
50. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मोहिनी माता योगिनी स्वाहा।
51. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री सरस्वती स्वर्गदेवी स्वाहा।
52. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री अन्नपूर्णी शिवसंगी स्वाहा।
53. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नारसिंही वामदेवी स्वाहा।
54. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री गंगा योनि स्वरूपिणी स्वाहा।
55. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री अपराजिता समाप्तिदा स्वाहा।
56. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री चामुंडा परि अंगनाथा स्वाहा।
57. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वाराही सत्येकाकिनी स्वाहा।
58. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कौमारी क्रिया शक्तिनि स्वाहा।
59. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्रिणी स्वाहा।
60. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ब्रह्माणी आनन्दा मूर्ती स्वाहा।
61. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा।
62. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा।
63. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री लक्ष्मी मनोरमायोनि स्वाहा।
64. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दुर्गा सच्चिदानंद स्वाहा।
इस पूरे मंत्र को आपको किसी भी पूर्णिमा या अमावस्या की सुबह को नहा धोकर एक सफेद कागज के ऊपर लाल स्याही से लिखना होगा एवं पढ़ना भी होगा। उस कागज को अच्छे तरीके से फोल्ड करके आपको एक खोके में बंद करना होगा और फिर उसको धारण करना होगा या फिर आप उस व्यक्ति को वह ताबीज पहना सकते जिसको आप पहनाना चाहते हैं।
चौसठ योगिनी कवच / चौसठ योगिनी ताबीज / चौसठ योगिनी यंत्र बनाने की जानकारी कैसे बनाएं कैसे बनाया जाता है–
एक बात और जब भी आप ताबीज धारण करें तो आप इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि आपने जो ताबीज धारण किया है उसके विषय में आप किसी को भी ना बताएं अगर आप बताते हैं अपने ताबीज़ के विषय में किसी को भी तो आप के ताबीज का प्रभाव कम हो जाएगा और जिस भी विषय के लिए आपने ताबीज को धारण किया है उस विषय में तो उस क्षेत्र में आपको सफलता कतई नहीं मिलेगी और फिर से आपके जीवन में निराशा छा जाएगी। इसलिए ध्यान रहें कि यदि आप अपने जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो भूलकर भी अपने ताबीज धारण करने की बात को किसी को भी ना बतलाए इससे आपके ताबीज का प्रभाव बना रहेगा और आप जो भी प्रयास कर रहे हैं उन प्रयासों में आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
नोट– अगर यह ताबीज हमारे यहां से सिद्ध किया हुआ प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारा मोबाइल नंबर 7217216969 है। आप इस ताबीज का ऑर्डर बुक करवाने के लिए हमारे इसी नंबर पर हमें व्हाट्सएप्प भी कर सकते हैं। हमने इस ताबीज को कीमत बहुत कम रखी है। ज्यादा जानकारी के लिए 7217216969 पर आप हमसे संपर्क करें। धन्यवाद।
Call or WhatsApp Now: 7217216969